Powered By Blogger

Friday, July 19, 2019

मेरी लघुकथा "जिज्जी की राखी" का मैथिली में अनुवाद "दीदीक राखी"

बड़े हर्ष के साथ सूचित कर रहा हूँ कि कोलकाता से प्रकाशित मैथिली पत्रिका - कर्णामृत (जनवरी- जून 2019, लघुकथा अंक) में मेरी हिन्दी की मूल लघुकथा "जिज्जी की राखी" को मैथिली में अनूदित करके "दीदीक राखी" शीर्षक से प्रकाशित किया गया है। इसका अनुवाद श्री मिथिलेश कुमार झा जी ने किया है। इसके लिए पत्रिका के संपादन मंडल, विशेष रूप से अतिथि संपादक श्री अनमोल झा जी का बहुत आभारी हूँ। 


मेरी हिन्दी की मूल लघुकथा "जिज्जी की राखी" का  मैथिली में अनुवाद करके "दीदीक राखी" शीर्षक से प्रकाशित किया गया 

आप सबके लिए अपनी मूल रचना को यहाँ प्रेषित  कर रहा हूँ। आप सबको सूचनार्थ बता दूँ की मुझे "जिज्जी की राखी" के लिए "हिन्दी लेखक संघ" दिल्ली द्वारा अगस्त 2017 में आयोजित एक साप्ताहिक लघुकथा लेखन प्रतियोगिता में "सर्वश्रेष्ठ लघुकथाकार" का सम्मान भी प्राप्त हुआ था। 

No comments:

Post a Comment